श्री आलोक पुराणिक
श्री पद्मपति शर्मा
श्री कमल शर्मा
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न विभागों में एड कोर्स की शुरुआत की गई। इसी क्रम में पत्रकारिता विभाग में द्वारा आर्थिक पत्रकारिता और खेल पत्रकारिता का कोर्स शुरू किया गया है, जिसमें दूसरे वर्ष के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। दोनों पाठयक्रमों को पढ़ाने के लिए भोपाल, दिल्ली के साथ ही मुंबई से भी शिक्षकों को बुलाया गया था। इसमें प्रमुख रूप से देश के प्रमुख अर्थशास्त्री और लेखक श्री आलोक पुराणिक, जाने-माने खेल पत्रकार श्री पद्मपति शर्मा और मुंबई से कमोडिटी कंट्रोल डॉट कॉम के श्री कमल शर्मा ने विद्यार्थियों की विशेष कक्षाएं ली. श्री पुराणिक ने आर्थिक पत्रकारिता से संबंधित शेयर बाज़ार की कक्षाएं ली। श्री पद्मपति शर्मा ने खेल में क्रिकेट और हॉकी के साथ कुछ अन्य प्रमुख खेलों के बारें में अहम जानकारियां प्रदान की। श्री कमल शर्मा ने मुख्य रूप से आर्थिक पत्रकारिता से संबंधित जींस कारोबार की संपूर्ण जानकारी से विद्यार्थियों को अवगत कराया। दोनों ही पाठयक्रमों की पढ़ाई लगभग पूरी हो चुकी है। इसी महीने की २८ व २९ तारीख को परीक्षा भी निर्धारित कर दी गयी है। परीक्षा लिखित और मौखिक दोनों ही तरह से होंगी।
5 comments:
Hello, I like the blog.
It is beautiful.
Sorry not write more, but my English is bad writing.
A hug from Portugal
आप अपने या अपने अफसरों के रिश्तों-नातों की वजह से किसी भी शख्स को बच्चों के सामने भाषण देने के लिये बुलाने को आज़ाद हैं, लेकिन मेरा निवेदन सिर्फ इतना है कि अतिथि के बारे में बच्चों को सही जानकारी दी जाये। आलोक पुराणिक कब से देश के प्रमुख अर्थशास्त्री हो गये। दिल्ली के एक नामालूम से कॉलेज में पढ़ाते हैं। पत्रकारिता से सिर्फ इतना लेनादेना मैं जानता हूं कि वो एक साप्ताहिक में कुछ दिन काम कर चुके हैं। उसके बाद अमर उजाला और कारोबार जैसे अखबारों में कुछ लिखते रहे हैं लेकिन मैंने तो पिछले कई सालों से उनका कोई लेख नही पढा जो अर्थशास्त्र से जुड़ा हो। निहायत ही ऊबाऊ किस्म के व्यंग्य लेख अवश्य जहां-तहां दिख जाते हैं। पद्मपति शर्मा आजकल कहां हैं और कितने बड़े खेल पत्रकार हैं आप अपने ही दिल से पूछकर देखिये। अपनों-अपनों को उपकृत करने के चक्कर में बच्चों के भविष्य से तो खिलवाड़ मत कीजिये कम से कम।
Agree with anonymous.
congrets for blog
janab padhne likhne ka shauk to hame bhi nahin hai magar journalism main aaye hai to sikh liya hai.
upar ek comment padha to laga ki is anjaan ki tarif bhi kar deni chahiye. kyoki agar mai nahi padhna chahu to tulsidas ramayan likh kar bhi meri najar main koi bada lekhak nahin hoga
fir bhi
kunthaye hgne ke liye dhanyavad
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