Saturday 17 October, 2009

भारतीय लोकतंत्र में उभरती हुयी नवीन चुनौतियां

पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ द्वारा "भारतीय लोकतंत्र में उभरती हुयी नवीन चुनौतियां" विषय पर दिनांक 14-15 सितम्बर 2009 को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया एवं सेमीनार में प्रस्तुत शोध-पत्रों की एक स्मारिका भी प्रकाशित की गयी. इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री वेद प्रताप वैदिक एवं माखनलाल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अचुतानंद मिश्र ने भी इस विषय पर ओजस्वी भाषण दिए. इस सेमीनार में विभाग के विद्यार्थियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा किया. सुश्री प्रियंका दुबे ने "Changing scenario of indian political parties and regionalism", श्री रोहिताश्व मिश्र ने "15 वीं लोकसभा चुनावों में पार्टियों द्वारा युवायों को दिए गए महत्त्व में मीडिया की भूमिका", श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय ने "आरक्षण एवं राजनीति" , श्री सुषील त्रिपाठी ने "लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका", श्री रविशंकर सिंह ने "लोकतंत्र में संचार माध्यमों की भूमिका", श्री सौरभ खंडेलवाल ने "भारतीय लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया एवं चुनाव सुधार", श्री सुधीर कुमार सिंह ने " 90 के दशक से भारतीय राजनितिक पार्टियों के विचारधारात्मक आयाम" , इन विषयों पर अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए जिन्हें काफी सराहा गया। इसके अलावा सुश्री नौशीन फातिमा खान एवं सुश्री पूजा श्रीवास्तव ने समापन समारोह में सेमीनार का सारांश प्रस्तुत किया।


कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ